लोकसभा चुनाव 2024 : पहले चरण में कम वोटिंग होने के 5 मुख्य कारण हो सकते है।

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले चरण में बहुत कम मतदान हुआ है।भारत में 19 अप्रैल को 18वीं लोकसभा चुनाव के लिए 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 102 सीटों पर वोटिंग हुई थी. हालांकि पहले चरण की वोटिंग के दौरान केवल 60.03% मतदान दर्ज किए गए। जो कि पिछले 10 साल की तुलना में सबसे कम है. 2019 लोकसभा चुनाव के पहले फेज में ये आंकड़ा करीब 66 फीसदी था।
लोकसभा चुनाव 2024 : इलेक्शन कमीशन के अनुसार 18वीं लोकसभा चुनाव के पहले चरण में
सबसे ज्यादा वोट
- लक्षद्वीप – कुल 83.88 फीसदी लोगों ने किया वोटिंग।
- त्रिपुरा – कुल 81.62% लोगों ने किया वोटिंग।
- पश्चिम बंगाल – कुल 80% मतदाताओं ने वोटिंग किया।
लोकसभा चुनाव 2024 : नागालैंड के छह पूर्वी जिलों में मतदान बहुत कम था। चार लाख मतदाताओं में से किसी भी व्यक्ति ने वोट नहीं किया। मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार, मतदान कर्मचारी बूथ पर 9 घंटे इंतजार करते रहे, लेकिन कोई भी वोटर नहीं आया। इससे यह सवाल उठता है कि वोटर्स मतदान केंद्र तक क्यों नहीं पहुंचे?
बड़े राज्यों में सबसे ज्यादा वोटिंग
- तमिलनाडु – 69.46
- उत्तर प्रदेश – 60.25
- महाराष्ट्र – 61.87
- राजस्थान -57.26
- बिहार – 48.88
- मध्यप्रदेश 67.08
- असम 75.95 प्रतिशत मतदान हुए हैं।

निम्नलिखित 5 कारणों की वजह से मतदान केंद्र तक क्यों नहीं पहुंच पाए लोग।
1. लोकसभा चुनाव के दौरान शादियों का सीज़न
अभी विवाहों का सीज़न चल रहा है, जिसके कारण बहुत से लोग शादी की तैयारियों में व्यस्त हैं। इसी व्यस्तता के कारण बहुत से लोग अपने मतदान केंद्रों पर नहीं पहुंचे। साथ ही, मजदूर वर्ग का पलायन भी मतदान में कमी का कारण हो सकता है ज्यादातर लोग आपने शादी अपने घर का कुछ प्रसंग को ज्यादा अहमियत देते है और देना भी चाहिए पर आप जिस देश में रहते हो उसमे हर एक नागरिक की फर्ज है वोटिंग देने जाना ।
2. स्पर्धा का अभाव
जहा स्पर्था होगी वहा लोगो को ज्यादा उत्साह होगा पर 2024 में लोगो को ऐसा लगता है की इस बार भाजप ही आएगी तो फिर क्यों मत देने जाये कुछ लोगो की ऐसी विचारधारणा के कारन भी मतदान काम हो सकता है।
3. लोकसभा चुनाव के दौरान मुद्दों का अभाव
लोगो को कुछ न कुछ मुद्दे दिखने मिलेंगे तो वह वोटिंग के लिए जायेंगे उसको दिखाना पड़ता है के सरकार यह काम कर रही है आपके लिए जिसकी वजहसे लोगो के मन में राष्ट्र वाद के लिए भावना जगे और वोटिंग के लिए आये।
इसे ऐसे समझें कि 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पुलवामा अटैक हुआ, जिसके जवाब में हमारे देश के जवानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयर स्ट्राइक किया था. इस एयर स्ट्राइक ने देश की जनता के मन में राष्ट्रवाद की भावना जगाई और ज्यादा से ज्यादा लोग वोटिंग करने मतदान केंद्रों पर पहुंचे।
4. लोकसभा चुनाव के दौरान जागरूकता का अभाव
बिहार झारखंड छत्तीसगढ़ जैसे कई राज्यों में जागरूकता का अभाव भी कम वोटिंग का एक कारण बना। इस राज्यों में केन्द्रो और बूथों की जानकारी का अभाव, लोगो को अपने हक़ क्या है मतदान क्यों करना चाहिए इसके बारे में पर्याप्त जानकारी के अभाव से मतदान कम होने की संभवना है।
5. लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचंड गर्मी
वोटिंग के दिन की बात करें तो शुक्रवार यानी 19 अप्रैल को छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में पारा 42°C पार रहा था, विशेषज्ञों के अनुसार, गर्मी की भयानक स्थिति के कारण मतदान में कमी हो सकती है। वास्तव में, भारत में अप्रैल के पहले ही दिनों से कई राज्यों में लोगों को बेहद गर्मी का सामना करना पड़ रहा था। इस महीने की शुरुआत से ही उत्तर पश्चिम और दक्षिण भारत के कई इलाकों में लू की स्थिति बनी रही। विशेषज्ञों ने पहले ही चुनाव से पहले कई बार चेतावनी दी थी कि इस साल की गर्मी दुनिया भर में सबसे ज्यादा गर्म हो सकती है।
वहीं, मतदान केन्द्रों पर ठंडक, पानी और अन्य सुविधाओं का सामान्यत: इंतजाम नहीं किया गया था। जिससे लोगों को मतदान केंद्र तक पहुंचने में कठिनाई हो रही थी।
लोकसभा चुनाव दूसरे चरण के लिए क्या करेगा चुनाव आयोग ?
पिछले सामान्य चुनाव में कम मतदान के बारे में चुनाव आयोग भी चिंतित है। इसी कारण से, वोटिंग के दूसरे चरण के लिए आयोग ने मतदान बढ़ाने के लिए कुछ नई रणनीतियों को बढ़ावा दिया है।
टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव आयोग से जुड़े एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि हमने वोटिंग को बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए थे, लेकिन उनका पूरा परिणाम नहीं मिला। उन्होंने आगे कहा कि इलेक्शन कमीशन ने लोगों को मतदान के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं बनाई थीं, और अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरूक भी किया गया था।