Benefits of Surya Namaskar in Hindi: सूर्य नमस्कार क्यू हमें रोज करना चाहिए फायदे जानकर कभी नहीं छोड़ेंगे

सूर्य नमस्कार क्या है?
Benefits of Surya Namaskar in Hindi: सूर्य नमस्कार योगासनों में सबसे अच्छा है। यह एक ही अभ्यास हमारे पूरे शरीर का व्यायाम कर देता है। इसे रोज़ करने से हमारा शरीर स्वस्थ और निरोगी रहता है और चेहरा चमकने लगता है। चाहे महिलाएं हों या पुरुष, बच्चे हों या बुजुर्ग, सूर्य नमस्कार सभी के लिए बहुत फायदेमंद होता है।
सूर्य नमस्कार के 12 आसन कौन-कौन से हैं?
- प्रणाम आसन
- हस्तउत्तानासन
- हस्तपाद आसन
- अश्व संचालन आसन
- पर्वतासन
- अष्टांग नमस्कार
- भुजंग आसन
- पर्वत आसन
- अश्वसंचालन आसन
- हस्तपाद आसन
- हस्तउत्थान आसन
- ताड़ासन
Benefits of Surya Namaskar in Hindi
1.प्रणाम आसन

Benefits of Surya Namaskar in Hindi: प्रणामासन का अभ्यास करने का तरीका
- सबसे पहले योगा मैट पर खड़े हो जाएं।
- फिर अपने दोनों पैरों को एकसाथ मिलाकर खड़े हों।
- अब अपने दोनों हाथों को सीने तक लाएं।
- सिर को सीधा रखें और सामने की तरफ देखें।
- दोनों हथेलियों को प्रणाम की मुद्रा में जोड़ें।
- सामान्य तरीके से सांस लें और कुछ देर इसी मुद्रा में रहें। फिर शरीर को रिलैक्स करें।
Benefits of Surya Namaskar in Hindi: प्रणामासन योग के फायदे
- मन को शांत रखने के लिए फायदेमंद
- बॉडी को रिलैक्स करने के लिए उपयोगी
- शरीर के पोश्चर को ठीक करने के लिए फायदेमंद
- पैरों की मांसपेशियों के लिए फायदेमंद
- हड्डियों के लिए फायदेमंद
2.हस्तउत्तानासन

हस्तउत्तानासन का अभ्यास करने का तरीका
- योग मैट पर प्रणामासन की मुद्रा में खड़े हो जाएं।
- गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं।
- दोनों हाथों के बीच का अंतर कंधों की चौड़ाई से ज्यादा न हो।
- ऊपरी धड़ और सिर के पीछे की तरफ हल्का सा कर्व बनाएं।
- हाथों को ऊपर की ओर उठाते हुए और शरीर को पीछे की ओर साथ में मोड़ें।
- इस मुद्रा में 20 सेकंड रहें और वापस प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।
हस्तउत्तानासन योग के फायदे
- इस योगासन से सीने का फैलाव होता है और हृदय की पसलियाँ मजबूत होती हैं। फेफड़ों में साफ ऑक्सीजन का संचार होता है, जिससे हृदय संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
- इस मुद्रा से मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ता है, जिससे दिमाग शांत और प्रसन्न महसूस करता है। इससे आपको दिनभर ऊर्जा बनाए रखने और काम करने में मदद मिलती है।
- लोअर बैक की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए यह योगासन बहुत फायदेमंद है। इससे मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जो दर्द और थकान को दूर करने में मदद करता है।
- पैरों और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए हस्त उत्तानासन योग बेहद फायदेमंद है। इससे मांसपेशियों को सही आकार भी मिलता है।
- यह आसन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इससे पेट की मांसपेशियों में खिंचाव और मजबूती आती है, जिससे एब्स टोन होते हैं और पेट दर्द में आराम मिलता है।
3.हस्तपाद आसन

हस्तपाद आसन का अभ्यास करने का तरीका
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
- अपने दोनों पैरों की एड़ियों और पंजों को एकसाथ मिलाकर रखें। फिर लंबी और गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं।
- इस दौरान आपके घुटने और पैर पूरी तरह सीधे होने चाहिए।
- अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की तरफ झुकें।
- अपने हाथों को नीचे की तरफ सीधा रखें और उंगलियों से मैट को छूने की कोशिश करें।
- इस स्थिति में 10-30 सेकंड तक रुकें, फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक अवस्था में वापस आ जाएं।
हस्तपाद योग के फायदे
- यह आसन आपकी पीठ, हिप्स, पिंडलियों और टखनों को अच्छे से स्ट्रेच करता है।
- यह योगासन आपके दिमाग को शांत करता है, जिससे आप तनाव से दूर रह सकते हैं।
- इस आसन की मदद से आप सिरदर्द और अनिद्रा की समस्या से राहत पा सकते हैं।
- यह योगासन आपकी पेट की मांसपेशियों को टोन करता है और बैली फैट को कम करने में मदद करता है।
- इसके नियमित अभ्यास से पेट में गैस, कब्ज और अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से निजात मिलती है।
4.अश्व संचालन आसन

अश्व संचालन आसन का अभ्यास करने का तरीका
- अश्व संचालनासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले समतल जमीन पर योगा मैट बिछाएं और उस पर खड़े हो जाएं।
- अब अपने दोनों पैरों को पास-पास रखें और घुटनों के बल बैठें।
- इसके बाद, अपने दाहिने पैर को आगे की तरफ लाएं, ताकि पिंडलियों और जांघों के बीच 90 डिग्री का कोण बने।
- अब अपने हाथों को दाहिनी टांग के बगल में जमीन पर रखें और उंगलियों से जमीन को छूते हुए संतुलन बनाएं।
- गर्दन को सीधा रखें और सामने की तरफ देखें।
- इस पोजीशन में कुछ देर रुकें और फिर वापस सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
अश्व संचालन योग के फायदे
- मसल्स को मजबूत बनाने में उपयोगी
- शरीर के मेटाबॉलिज्म और पाचन के लिए उपयोगी
- स्किन के लिए बहुत उपयोगी
- हृदय और फेफड़ों के लिए उपयोगी
- पीठ के लिए फायदेमंद
5.पर्वतासन

पर्वतासन का अभ्यास करने का तरीका
- योग मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
- पैरों को सामने फैलाकर हाथों को शरीर के बगल में रखें। फिर पद्मासन की मुद्रा में बैठें।
- दाहिना पैर बाईं जांघ पर और बायां पैर दाईं जांघ पर रखें।
- अब 5 सेकेंड तक धीमी और गहरी सांस लें।
- नमस्कार मुद्रा में हथेलियों को मिलाएं।
- हाथों को सिर के ऊपर की ओर खींचें।
- हिप्स को जमीन पर रखें और हाथों को ऊपर की ओर खींचें। इस दौरान शरीर में खिंचाव का अनुभव करें।
- इस मुद्रा को 30-40 सेकेंड तक करें।
पर्वतासन योग के फायदे
- पर्वतासन की मदद से आपका ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है
- इससे शरीर को स्ट्रेच करने और रीढ़ की हड्डियों को लचीला बनाने में भी मदद करता है।
- इससे पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद मिलती है और पाचन के लिए जरूरी सभी रसों का स्त्राव होता है।
- इस योगासन की मदद से दिमाग को शांत और ध्यान केंद्रित रखने में मदद मिलती है।
- इससे स्ट्रेस, एंग्जाइटी और माइल्ड डिप्रेशन को दूर करने में सहायता मिलती है।
6.अष्टांग नमस्कार

अष्टांग नमस्कार अभ्यास करने का तरीका
- सबसे पहले योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- फिर दोनों हाथ कमर के पास ले आएं।
- हाथों को पसलियों के पास ले आएं और गहरी सांस बाहर की तरफ छोड़ें।
- इसके बाद हथेलियों के बल ऊपर उठाने की कोशिश करें।
- इस दौरान कोशिश करें कि आपके दोनों पैर, घुटने, हथेलियां, सीना और ठोड़ी जमीन को छूते रहें।
- योगासन करते समय आपके सभी अंग हवा में रहेंगे।
- अपने हिप्स और पेट वाले हिस्से को हल्का सा उठाकर रखने की कोशिश करें।
- अभ्यास के दौरान सांस को रोककर रखेंगे और फिर सांस को खींचते हुए सामान्य हो जाएंगे।फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आ जाएं।
अष्टांग नमस्कार योग के फायदे
- अष्टांग नमस्कार योग का अभ्यास करने से आपके शरीर का लचीलापन बढ़ता है और साथ ही रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- इसे हाथ, पैर, घुटने, हिप्स और कमर की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद मिलती है।
- इस योगासन के अभ्यास से आपकी मानसिक क्षमता बढ़ती है और साथ ही एकाग्रता बढ़ाने में भी मदद मिलती है।
- शारीरिक संतुलन के लिए भी आप अष्टांग नमस्कार योग का अभ्यास कर सकते हैं।
- इससे पेट की मांसपेशियां मजबूत होती है।
7.भुजंग आसन

भुजंग आसन अभ्यास करने का तरीका
- सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
- इसके बाद हाथों को सिर के दोनों तरफ जमीन से टिकाकर रखें।
- अब अपनी हथेलियों को अपने कंधों के बराबर ले जाएं।
- इसके बाद गहरी लंबी सांस लेते हुए हाथों को जमीन पर दबाते हुए शरीर को नाभि तक ऊपर की तरफ उठाएं।
- इस क्रम में सबसे सिर, फिर छाती और आखिर में पेट वाले हिस्से को ऊपर उठाएं।
- सिर को ऊपर की तरफ सांप के फन की तरह से खींचे।
- कुछ देर इसी पोजीशन में रहें और वापस शुरुआत की स्थिति में आयें।
भुजंग आसन योग के फायदे
- रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद
- किडनी से जुड़ी परेशानियों में उपयोगी
- पीठ दर्द में फायदेमंद भुजंगासन
- थायरॉयड में बहुत फायदेमंद
- मेटाबॉलिज्म सुधारने में फायदेमंद
- वजन संतुलित रखने में उपयोगी
8.पर्वतासन

पर्वतासन का अभ्यास करने का तरीका
- योग मैट पर दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं।
- पैरों को सामने फैलाकर हाथों को शरीर के बगल में रखें। फिर पद्मासन की मुद्रा में बैठें।
- दाहिना पैर बाईं जांघ पर और बायां पैर दाईं जांघ पर रखें।
- अब 5 सेकेंड तक धीमी और गहरी सांस लें।
- नमस्कार मुद्रा में हथेलियों को मिलाएं।
- हाथों को सिर के ऊपर की ओर खींचें।
- हिप्स को जमीन पर रखें और हाथों को ऊपर की ओर खींचें। इस दौरान शरीर में खिंचाव का अनुभव करें।
- इस मुद्रा को 30-40 सेकेंड तक करें।
पर्वतासन योग के फायदे
- पर्वतासन की मदद से आपका ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है
- इससे शरीर को स्ट्रेच करने और रीढ़ की हड्डियों को लचीला बनाने में भी मदद करता है।
- इससे पाचन तंत्र को मजबूत बनाने में मदद मिलती है और पाचन के लिए जरूरी सभी रसों का स्त्राव होता है।
- इस योगासन की मदद से दिमाग को शांत और ध्यान केंद्रित रखने में मदद मिलती है।
- इससे स्ट्रेस, एंग्जाइटी और माइल्ड डिप्रेशन को दूर करने में सहायता मिलती है।
9.अश्वसंचालन आसन

अश्व संचालन आसन का अभ्यास करने का तरीका
- अश्व संचालनासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले समतल जमीन पर योगा मैट बिछाएं और उस पर खड़े हो जाएं।
- अब अपने दोनों पैरों को पास-पास रखें और घुटनों के बल बैठें।
- इसके बाद, अपने दाहिने पैर को आगे की तरफ लाएं, ताकि पिंडलियों और जांघों के बीच 90 डिग्री का कोण बने।
- अब अपने हाथों को दाहिनी टांग के बगल में जमीन पर रखें और उंगलियों से जमीन को छूते हुए संतुलन बनाएं।
- गर्दन को सीधा रखें और सामने की तरफ देखें।
- इस पोजीशन में कुछ देर रुकें और फिर वापस सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
अश्व संचालन योग के फायदे
- मसल्स को मजबूत बनाने में उपयोगी
- शरीर के मेटाबॉलिज्म और पाचन के लिए उपयोगी
- स्किन के लिए बहुत उपयोगी
- हृदय और फेफड़ों के लिए उपयोगी
- पीठ के लिए फायदेमंद
10.हस्तपाद आसन

हस्तपाद आसन का अभ्यास करने का तरीका
- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं।
- अपने दोनों पैरों की एड़ियों और पंजों को एकसाथ मिलाकर रखें। फिर लंबी और गहरी सांस लेते हुए अपने दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाएं।
- इस दौरान आपके घुटने और पैर पूरी तरह सीधे होने चाहिए।
- अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की तरफ झुकें।
- अपने हाथों को नीचे की तरफ सीधा रखें और उंगलियों से मैट को छूने की कोशिश करें।
- इस स्थिति में 10-30 सेकंड तक रुकें, फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक अवस्था में वापस आ जाएं।
हस्तपाद योग के फायदे
- यह आसन आपकी पीठ, हिप्स, पिंडलियों और टखनों को अच्छे से स्ट्रेच करता है।
- यह योगासन आपके दिमाग को शांत करता है, जिससे आप तनाव से दूर रह सकते हैं।
- इस आसन की मदद से आप सिरदर्द और अनिद्रा की समस्या से राहत पा सकते हैं।
- यह योगासन आपकी पेट की मांसपेशियों को टोन करता है और बैली फैट को कम करने में मदद करता है।
- इसके नियमित अभ्यास से पेट में गैस, कब्ज और अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से निजात मिलती है।
11.हस्तउत्थान आसन

हस्तउत्तानासन का अभ्यास करने का तरीका
- योग मैट पर प्रणामासन की मुद्रा में खड़े हो जाएं।
- गहरी सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं।
- दोनों हाथों के बीच का अंतर कंधों की चौड़ाई से ज्यादा न हो।
- ऊपरी धड़ और सिर के पीछे की तरफ हल्का सा कर्व बनाएं।
- हाथों को ऊपर की ओर उठाते हुए और शरीर को पीछे की ओर साथ में मोड़ें।
- इस मुद्रा में 20 सेकंड रहें और वापस प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं।
हस्तउत्तानासन योग के फायदे
- इस योगासन से सीने का फैलाव होता है और हृदय की पसलियाँ मजबूत होती हैं। फेफड़ों में साफ ऑक्सीजन का संचार होता है, जिससे हृदय संबंधी समस्याएं दूर होती हैं।
- इस मुद्रा से मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह बढ़ता है, जिससे दिमाग शांत और प्रसन्न महसूस करता है। इससे आपको दिनभर ऊर्जा बनाए रखने और काम करने में मदद मिलती है।
- लोअर बैक की मांसपेशियों और रीढ़ की हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए यह योगासन बहुत फायदेमंद है। इससे मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जो दर्द और थकान को दूर करने में मदद करता है।
- पैरों और जांघों की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए हस्त उत्तानासन योग बेहद फायदेमंद है। इससे मांसपेशियों को सही आकार भी मिलता है।
- यह आसन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इससे पेट की मांसपेशियों में खिंचाव और मजबूती आती है, जिससे एब्स टोन होते हैं और पेट दर्द में आराम मिलता है।
12.ताड़ासन

ताड़ासन का अभ्यास करने का तरीका
- सबसे पहले हाथ को शरीर के बगल में रखकर सीधे खड़े हो जाएं।
- अब अपने हाथों को सिर के ऊपर उठाएं।
- इसके बाद अपने सिर के ऊपर से उंगलियों को बंद करते हुए एडियों को ऊपर उठाएं।
- इस दौरान जितना हो सके स्ट्रेच करें।
- थोड़ी देर के लिए इसी स्थिति में रुकें।
- सांस छोड़ते हुए वापस स्थिति में आयें।
ताड़ासन योग के फायदे
- डायबिटीज के मरीजों के फायदेमंद ताड़ासन
- पाचन से जुड़ी बीमारियों में फायदेमंद ताड़ासन
- शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ाने में उपयोगी
- साइटिका की समस्या में उपयोगी
- पीठ दर्द की समस्या में फायदेमंद