गुजरात की बोर्ड परीक्षा मे पेपर चेकिंग में शिक्षको से हुई गफलत : हुआ 2.30 करोड़ का दंड

शिक्षक पर विद्यार्थी का भावी निर्धारित होता है, क्युकी शिक्षक की ज्ञान की वजह से विद्यार्थी अपने जीवन में सफलता पाते है , और ये बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है।
पेपर चेकिंग का काम बहुत जिम्मेदारी भरा काम होता है, जब शिक्षक पेपर चेकिंग में कभी कभी टोटल भूल करते है तो कभी मार्क देने में ये सब कुछ अंत में विद्यार्थी को भुगतना पड़ता है। गुजरात बोर्ड के नियम अनुसार जब एक शिक्षक जब 1 भूल करता हे तो भूल के बदले 100 रुपए का दंड होता है।
लगभग पिछले 4 वर्षो में लगभग 2.30 करोड़ का भुगतान किया है। गुजरात में हायर सेकेंडरी और सेकेंडरी यानि 10 और 12 की बोर्ड एग्जाम में शिक्षको की गलती की घटना बहुत सामने आ रही है। गुजरात के हायर सेकेंडरी बोर्ड के द्वारा 18,778 शिक्षको के पास से दंड की वसुलात के किस्से सामने आये है सूत्रों के मुताबिक,2018 से 2023 के समय में देखा जाए तो 2020-2021 ने महामारी covid की वजह से सबको मास प्रमोशन से पास किया गया था। फिर भी देखा जाये तो पिछले 4 वर्षो में 18,700 से भी ज्यादा शिक्षको को पेपर में चेकिंग भूल की वजह से 2,34,47,212 रुपए का दंड हुआ है।
पेपर चेकिंग के वक़्त 30% भूल टोटल करने में आती है। और ताजुद की बात तो ये है की मैथ्स और साइंस के शिक्षक में इस भूल का प्रमाण ज्यादा है ,और हर सेक्शन के टोटल करने में भूल होती है। कोई शिक्षक जब पेपर चेकिंग में भूल करता है तो भुगतना विद्यार्थी को पड़ता है ,गुजरात बोर्ड जब पेपर चेकिंग में शिक्षक भूल करते है तो एक भूल के बदल रुपए 100 का रोकड़ भुगदान करना पड़ता है। और गुजरात सेकेंडरी एजुकेशन के नाम पर चेक अथवा डिमांड ड्राफ्ट दंड भरना पड़ता है।
गुजरात सेकेंडरी बोर्ड और हायर सेकंडरी एजुकेशन बोर्ड के वाइस चेयरमैन दिनेश पटेल का कहना है की पेपर चेकिंग में भूल करने वाले शिक्षको को बुला कर दंड किया जाता है और दिनेश पटेल का दावा ये है की शिक्षको द्वारा की गई भूल जानबुज कर और इरादे के साथ नहीं की है ,अच्छी बात तो ये है के इस तरह की भूल का प्रमाण अगले साल कम हो गया था।
परीक्षा के दौरान हर बार पेरेंट्स स्टूडेंट की ही भूल निकालते है और कहते है की तुम्हारी महेनत में कमी है और आप बच्चे पर पूरा दबाव डालते हे। पर आप सिक्के की दूसरी और भी जाके देखे क्युकी हर बार विद्यार्थी का कोई दोष नहीं होता।