Russia Vs US on Nuclear Weapon:स्पेस में परमाणु हथियार तैनात करने की तैयारी

Russia Vs US on Nuclear Weapon: रूस और अमेरिका अब स्पेस में परमाणु हथियारों के तैनात करने की बात पर आमने-सामने आ गए हैं। जब अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पृथ्वी की कक्षा में परमाणु हथियार तैनात न करने का प्रस्ताव दिया, तो रूस ने इसे वीटो किया। इस फैसले से अमेरिका को चौंका लगा। यूएस ने रूस के इस कदम की कड़ी आलोचना की।
Russia Vs US on Nuclear Weapon: विश्व के धनी देश अपनी शक्ति को बढ़ाने के लिए कई जोखिमपूर्ण रास्ते चुनते हैं। रूस ने अब खुलासा किया है कि वे परमाणु हथियारों को तैनात करने की योजना बना रहे हैं, जिससे दुनिया में टेंशन बढ़ गई है। हथियार विशेषज्ञों का कहना है कि क्या पृथ्वी पर पहले से ही पर्याप्त परमाणु हथियार हैं या क्या कोई अंतरिक्ष में नई योजना हो रही है? क्या ये हथियार संपूर्ण दुनिया को नष्ट कर सकते हैं? क्या अंतरिक्ष में नुकसान का खतरा है? यह सवाल हम सबके लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि अंतरिक्ष जहां भी हो, वहां हम सभी हैं।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में क्या प्रस्ताव पेश किया गया?
Russia Vs US on Nuclear Weapon: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में एक प्रस्ताव पेश किया गया था। उस प्रस्ताव में कहा गया था कि किसी देश अंतरिक्ष में परमाणु हथियारों का उपयोग कर सकता है। यूएनएमसी में इस प्रस्ताव को मंजूरी देकर अमेरिका का उद्देश्य था कि रूस को अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात करने से रोका जाए। इसे रोकने के लिए रूस ने वीटो का प्रयोग किया और चीन ने इसमें हस्तक्षेप किया, लेकिन चीन वोट करने से दूर रहा।
क्या चीन भी अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात करने की योजना बना रहा है?
Russia Vs US on Nuclear Weapon: दूसरी बात यह है कि चीन अब खुद अंतरिक्ष में परमाणु हथियार तैनात करने की योजना बना रहा है। इसके बाद रूस और चीन के कदमों से अमेरिका को खास जटका लगा है। अमेरिका कह रहा है कि अगर रूस कुछ नहीं कर रहा है तो उसे यह गलती माननी चाहिए कि उसने इसे रोका क्यों नहीं। संयुक्त राष्ट्र में रूसी राजदूत वासिल नेबेजिया ने अमेरिका के आरोपों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि रूस यह सुनिश्चित करेगा कि यूएनएमसी में सुरक्षित रहेगा। इसलिए अब समय आ गया है कि अमेरिका, रूस और चीन पर भरोसा करने की बजाय सतर्क रहें।
जब रूस के खिलाफ हंगामा मचा, तो रूस ने कहा कि वे अंतरिक्ष में परमाणु हथियार डालने की कोई योजना नहीं बना रहे हैं। अमेरिका को रूस की बात पर भरोसा नहीं है। अमेरिका को शक है कि रूस छीप कर कोई खेल खेल रहा है। अमेरिका ने रूस को नियंत्रण में रखने की कोशिश की।रूस जानता है कि वे हमारे खिलाफ नहीं, अमेरिका के खिलाफ लड़ रहा है। किसी को फर्क नहीं पड़ता कि रूस कौन है, हमारी योजनाएं अंतरिक्ष हथियारों की चर्चा से स्पष्ट होती हैं। हालांकि यूक्रेन वॉर को ढाई साल हो गए हैं, लेकिन हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से कोई रूस पर भरोसा नहीं करता। रूस ने पहले भी ऐसा किया है।

Russia Vs US on Nuclear Weapon:सोवियत संघ ने ‘अल्माज़’ नामक एक गुप्त सैन्य अंतरिक्ष स्टेशन बनाया था। इसमें 23 मिमी का ऑटोक्रैन लगाया गया था, जो किसी भी निशाने को पार कर सकता था। ‘अल्माज़’ एक अंतरिक्ष में स्थापित हथियार था।सोवियत संघ के अलावा, ‘पोलियास’ नामक एक अंतरिक्ष हथियार प्लेटफार्म भी विकसित कीया था। ‘पोलियस’ एक लेज़र वेपन था, जो पृथ्वी पर लेजर दाग सकता था। सोवियत संघ ने एक और सेल्फ डिफेन्स तोप भी बनाई थी।
‘आउटर स्पेस संधि’ किसके बिच हुई थी ?
Russia Vs US on Nuclear Weapon:आजकल हमारे देश और दुनिया के कई अन्य देश अंतरिक्ष विज्ञान में व्यापार और अनुसंधान कर रहे हैं, परंतु कभी अमेरिका और रूस जैसे दो-तीन देश ही अंतरिक्ष विज्ञान में अग्रणी रहते थे। 1967 में ‘आउटर स्पेस संधि’ बनाई गई थी, जिसके तहत सभी देशों को अंतरिक्ष में अपनी सामग्री तैनात करने से रोका गया। इस संधि में यह भी कहा गया था कि अंतरिक्ष में हथियारों की व्यवस्था की जाएगी, या फिर कोई धरती पर मौजूद जीवों को नुकसान पहुंचाने वाले हथियारों के प्रयोग को रोका जाएगा।
अमेरिका, रूस, चीन के पास क्या एंटी-सैटेलाइट हथियार हैं?
अमेरिका, रूस, चीन और हमारे देश के पास एंटी-सैटेलाइट हथियार हैं, जो अंतरिक्ष में काम करते हैं और नष्ट हुए उपग्रहों को नष्ट कर सकते हैं। लेकिन इससे यह सवाल उठता है कि क्या दुनिया के नए देश ऐसी तकनीक का उपयोग करेंगे? क्या कोई देश अपने दुश्मन के जीवित उपग्रहों को इससे उड़ा सकते है? अगर ऐसा हुआ तो अंतरिक्ष में एक-दूसरे के उपग्रहों को नष्ट करने की जंग शुरू हो जाएगी। ऐसा होने से अगले युद्ध अंतरिक्ष में होगा, जो काफी खतरनाक हो सकता है। वापसी में किसी देश के पास हवा में छोड़ी गई मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम हथियार होते हैं, लेकिन अंतरिक्ष से हमले पर इसे रोकने के लिए कोई तकनीक उपलब्ध नहीं है। अगर आतंकवादियों के पास किसी तरह अंतरिक्ष में ऐसी तकनीक हो, तो यह बहुत खतरनाक हो सकता है। इससे भविष्य में क्या होगा, यह बिल्कुल अनिश्चित है। अगर कोई भी अंतरिक्ष में कोई प्रतिबंध नहीं लगाता, तो पूरी दुनिया खतरे में पड़ सकती है।