Know The Truth of Nestle : यूरोपीय और ब्रिटिश बाजारों में शुद्ध सेरेलैक उपलब्ध होती तो इंडिया में?

अगर आप अपने बच्चों को नेस्ले के उत्पादों से बने दूध और खाना खिला रहे हैं, तो सावधान रहें। हाल ही में एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इसमें खुलासा किया गया है कि नेस्ले भारत, अन्य एशियाई और अफ्रीकी देशों में बच्चों के दूध और सेरेलैक में मिलावट करती है। जबकि यूरोपीय और ब्रिटिश बाजारों में शुद्ध और मिलावट रहित सेरेलैक उपलब्ध होती है। इस संबंध में विश्व स्वास्थ्य संगठन नाराज है। उनकी रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे उत्पाद छह महीने से लेकर दो साल तक के बच्चों को खिलाए जाते हैं।
इंटरनेशनल बेबी फ़ूड एक्शन नेटवर्क (IBFAN )इसके द्वारा क्या रिपोर्ट पब्लिश हुआ?
इंटरनेशनल बेबी फ़ूड एक्शन नेटवर्क (IBFAN )इसके द्वारा एक रिपोर्ट पब्लिश हुआ है इसके वजह से मामला सामने आ रहा है और रिपोर्ट के मुताबिक एकसमे सुगर कॉन्टेंट वो अलग अलग देशो में अलग अलग देखने को मिलेगा। नेस्ले के 150 प्रोडक्ट्स मार्किट में है और जो डेवलपमेंट कंट्री जैसे अमेरिका, USA, कॅनेडा ये सब जगह जो प्रोडक्ट सेल करते है वही सेम प्रोडक्ट पुअर कंट्री जैसे की आफ्रिका, भारत ये प्रोडक्ट की क्वालिटी में काफी फेरफार है सेम प्रोडक्ट पर डिफरेंट कॉन्टेंट है। और ये कोई आम बात नहीं है ये बच्चो की हेल्थ का सवाल है। और ये टेस्ट Belgian Laboratory में इसके सैंपल टेस्ट किये गए है। और इसके अंदर रिपोर्ट के मुताबिक जो सुगर लेवल है वो बहुत ज्यादा पाया जाता है डेवलपमेंट कंट्री से , सेरेलैक एक ऐसा प्रोडक्ट है जो 6 महीने से ऊपर के बेबी को दिया जाता है। और जो सेरेलैक UK और Germany में बेचा जाता है इसमे नो एडेड सुगर है, और वही प्रोडक्ट जो भारत में बेचा जाता है तो पर सर्विंग में 2.7 ग्राम शुगर होता है तो आप समज सकते हो ये बच्चो का सवाल है जो हर माँ बाप का और देश का भावी है। और हमारे पास वाला देश Thailand है वह पे 6 ग्राम पर सर्विंग सुगर एडेड है ,अब आप ही सोचो सुगर बच्चे और बड़े सब के लिए हार्मफुल है तो बच्चो को जो अभी से इतना शुगर देंगे तो बड़े होकर रोग का कारन बन सकता है।

इंटरनेशनल बेबी फूड एक्शन नेटवर्क (IBFAN) ने क्या खुलासा किया है?
सेरेलैक की बात करें तो इसमें कोई अतिरिक्त चीनी नहीं है, जबकि यही उत्पाद अन्य देशों में बेचा जाता है, प्रत्येक उत्पाद में 6 ग्राम से अधिक चीनी का उपयोग होता है।
इस चौंकाने वाली रिपोर्ट पर WHO के वैज्ञानिक निगेल रॉलिन्स का कहना है कि यह दोहरा मापदंड है जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि नेस्ले स्विट्जरलैंड में इन उत्पादों में अतिरिक्त चीनी का उपयोग नहीं करती है, जबकि वह कुछ देशों में ऐसा कर रही है। WHO ने इस संबंध में चेतावनी दी है कि किसी भी बच्चे को जीवन की शुरुआत में चीनी देने से मोटापा और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। WHO की चिंता जायज है क्योंकि 2022 में WHO ने शिशुओं के लिए विपणन योग्य खाद्य उत्पादों में अतिरिक्त शर्करा और मिठास पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया था।
सेरेलैक के मामले में, वहाँ कोई अतिरिक्त चीनी नहीं है, लेकिन इसे अन्य देशों में बेचा जाता है, जहाँ प्रत्येक उत्पाद में 6 ग्राम से अधिक चीनी होती है। यह रिपोर्ट WHO के वैज्ञानिक निगेल रॉलिन्स के अनुसार दोहरा मापदंड है और सही नहीं है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि नेस्ले स्विट्जरलैंड में अतिरिक्त चीनी का उपयोग नहीं करती है, लेकिन वह कुछ देशों में ऐसा कर रही है। WHO ने इस पर चेतावनी दी है कि किसी भी बच्चे को जन्म से ही चीनी देने से मोटापा और अन्य बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। WHO की चिंता जायज है क्योंकि 2022 में WHO ने शिशुओं के लिए विपणन योग्य खाद्य उत्पादों में अतिरिक्त शर्करा और मिठास पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया था।
Ma ka dudh serelek he bcchoke ke sath bhedbhav niti bhgvanko dhokha dene jesa