सुप्रीम कोर्ट का पतंजलि पर झटका: भ्रामक विज्ञापनों का मुक़दमा

सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को बहुत फटकार लगाई है जज न्यायमूर्ति अमानुल्लाह उन्होंने बहुत बुरा भला कहा है बाबा रामदेव को बोला है कि तुमको हम फाड़ के रख देंगे वी विल रिप यू अपार्ट और तुम बचोगे नहीं जिस तरीके से तुमने काम किया है तुम बचने नहीं वाले इसमें आचार्य बालकृष्ण जो कि बहुत लंबे से बाबा रामदेव से 1990 से साथ है काफी लंबे समय से कि जब दोनों बाबा रामदेव जब योग कीबारीकियां सीख रहे थे तब से आचार्य बालकृष्ण जो है वह इनके साथ है ठीक है इनके जो गुरु हैं कर्मवीर उनसे इन्होंने योग की बारीकियां सीखी और उसके बाद फिर हिमालय भी गए ध्यान लगाने हिमालय भी गए और उसके बाद वापस आए तो आचार्य बालकृष्ण जो है अभी आपको पता है कि जो पतंजलि हैउसका पूरा बिजनेस जो है वह हरिद्वार से चलता है वहां पर प्रयोगशाला हैं और जो सेंटर है वह हरिद्वार है।
पतंजलि आज 5 हजार करोड़ की कंपनी है।
कोर्ट ने कहा कि आपने जो काम किया है वह सही अच्छा काम क्या किया कई बार इस पर बात कर चुके हैं अब आपको पता है कि बाबा रामदेव की जो फैन फॉलोइंग है व बहुत ज्यादा है अंधभक्ति कभी किसी की नहीं करनी चाहिए और बहुत बड़ी फॉलोइंग है पहले तो दोस्तों में जब इंडिया अगेंस्ट करप्शन का मूवमेंट चला था अना हजार आपको याद होगा तो बाबा रामदेव उसमें सबसे आगे आए थे और जब लोकपाल बिल पास नहीं हो पाए तो बाबा रामदेव ने एक और मूवमेंट चलाया था ,
पहले आस्था में आते थे बाद में आस्था चैनल को ही खरीद लिया और उसके बाद फिर जो है उन्होंने योग की शिक्षा देनी शुरू की देखिए एक चीज तो आप मानिए चाहे ना मानिए लेकीन बाबा रामदेव योग को घर-घर तक ले आये जो कि बहुत अच्छी बात है योग यह हमारी ताकत है अब देखिए आज का जो जमाना बहुत मिलावटी है तो आज आप ऑर्गेनिक कुछ भी करो तो बहुत बिकेगा वो क्योंकि आज हर किसी को प्योर खाना है कलयुग है तो सब कुछ मिलावटी है तो बाबा रामदेव जो हैं उन्हो ने
वो यह भरोसा लेके आए कि हम आपको जो भी देने वाले हैं वो मिलावटी नहीं होगा
बाबा रामदेव के प्रोडक्ट अच्छे हैं जैसे सारी कंपनीज के होते हैं ठीक है और एक उनके ऊपर भरोसा तो लोगों ने भर भर के इन्वेस्ट किया आज हजारों करोड़ की 5 हजार करोड़ की कंपनी है
बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने उनके हलफनामे को स्वीकार नहीं किया जिसमें कोई शर्त नहीं थी। अब अगली सुनवाई 16 अप्रैल को होगी। कोर्ट ने इस मामले पर राज्य लाइसेंसिंग अथॉरिटी की भी आलोचना की है और कहा है, ‘इस मामले को हल्के में नहीं लिया जाना चाहिए।’ सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को भी आलोचना की है कानून का उल्लंघन करने के लिए।

पतंजलि ने एक विज्ञापन में कहा, ‘एलोपैथी, फार्मा और मेडिकल इंडस्ट्री से खुद को और देश को बचाएं।
पतंजलि पर मुकदमा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने दर्ज किया। पतंजलि ने एक विज्ञापन में कहा, ‘एलोपैथी, फार्मा और मेडिकल इंडस्ट्री से खुद को और देश को बचाएं।’ बाबा रामदेव ने एलोपैथी को ‘बेवकूफ और दिवालिया विज्ञान’ भी कहा। इस मामले में अगली सुनवाई 21 नवंबर 2023 को हुई थी, जब कोर्ट ने पतंजलि को चेतावनी दी कि उनके उत्पाद बीमारियों को पूरी तरह से ठीक नहीं कर सकते।
केस फिर से खोला गया 15 जनवरी 2024 को, जब सुप्रीम कोर्ट को झूठे और भ्रामक विज्ञापनों के लगातार प्रकाशन के संबंध में मुख्य न्यायाधीश और न्यायमूर्ति अमानुल्लाह को एक गुमनाम पत्र मिला। इसके बाद कोर्ट ने पतंजलि को आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को भी आलोचना की है कानून का उल्लंघन करने के लिए। असहमति जताते हुए कोर्ट ने कहा, ‘हम इसे मानने से इनकार करते हैं। हम इसे जानबूझकर किया गया उल्लंघन मानते हैं।’
ड्रग एंड मैजिक रेमेडीज अधिनियम 1954 के तहत, भ्रामक विज्ञापन प्रकाशित करने के अपराध में छह महीने तक की कैद की सजा हो सकती है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अनुसार, भ्रामक विज्ञापन करने वाले किसी भी निर्माता को दो साल की जेल और 10 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
Ptnjli ayurved kisi ki dharohar nahin hai vah hamara Sanatan ayurved hai